विभाग | सहकारिता विभाग |
योजना का नाम | एकीकृत सहकारी विकास परियोजना |
हितग्राही मूलक है या नही | |
अधिकार क्षेत्र | केंद्र प्रवर्तित योजना एवं राज्य प्रवर्तित योजना |
योजना कब से प्रारंभ की गयी | 1994 |
योजना का उद्येश्य | सहकारी संस्थाओं की अधोसंरचना निर्माण एवं विकास के लिए ऋण अनुदान व अंशपूंजी के रूप में सहायता उपलब्ध कराना |
लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया | सहकारिता विभाग द्वारा अधिनियम 1960 के अंतर्गत पंजीकृत होना| |
लाभार्थी वर्ग | सभी के लिए |
लाभार्थी का प्रकार | समस्त सहकारी संस्था |
लाभ की श्रेणी | ऋण ,अनुदान ,वित्तीय सहायता /भत्ता ,प्रोत्साहन राशि ,प्रशिक्षण ,सामग्री सहायता ,जागरूकता |
योजना का क्षेत्र | |
आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करें | सहकारी संस्थाओं की अधोसंरचना निर्माण एवं विकास के लिए ऋण अनुदान व अंशपूंजी के रूप में सहायता उपलब्ध कराना |
पदभिहित अधिकारी | उप/सहायक आयुक्त |
समय सीमा | 3 माह |
आवेदन प्रक्रिया | संस्था द्वारा समस्त दस्तावेज सम्बंधित जिला कार्यालय में प्रस्तुत किये जाते है, दस्तावेजो के परीक्षण उपरांत जिले में पदस्थ महाप्रबंधक, ICDP द्वारा आवेदन को स्वीकृत कर ऋण वितरण किया जाता है| |
आवेदन शुल्क | निशुल्क |
अपील | डायरेक्टर , प्रोजेक्ट , ICDP मुख्यालय, पंजीयक कार्यालय , भोपाल |
अनुदान /ऋण /वित्तीय सहायता /पेंशन/लाभ की राशि | सहायता /ऋण की राशि |
हितग्राहियों को राशि के भुगतान की प्रक्रिया / हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था /वित्तीय प्रावधान | जिला स्तरीय कमेटी की बैठक के निर्णय उपरांत ऋण कमेटी में पारित कर संस्था को चेक प्रदाय कर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है| |
ऑनलाइन आवेदन हेतु लिंक | |
योजना से सम्बंधित दस्तावेज संलग्न करें | संस्था का अद्यतन अंकेक्षण पूर्ण होना, संस्था लाभ में होना, गत तीन वर्ष के अंकेक्षण रिपोर्ट, डी.पी.आर -संस्था द्वारा तैयार कर जिला कार्यालय में प्रेषित किया जाता है| |
अपडेट दिनांक | 11/3/2022 5:08:09 PM |
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